गुरु ग्रह की पूजन विधि और मंत्र
बृहस्पति मंत्र के जप औ रपूजा से भाग्य के साथ ही विवाह संबंधी परेशानियां दूर हो सकती हैं।यहां जानिए गुरु ग्रह की सामान्य पूजन विधि और मंत्र…
गुरुवार को स्नान के बाद पीले कपड़े पहनें।नवग्रह मंदिर में गुरु बृहस्पति की मूर्ति को केसर मिले हुए दूध और पवित्र जल से स्नान कराएं।पीला चंदन, पीले फूल या माला, पीला वस्त्र, हल्दी से रंगी हुई पीली जनेऊ, पीले फल, हल्दी, पीला अन्न चढ़ाएं औ रपीले रंग की मिठाई का भोग लगाएं।
गाय के दूध से बने हुए शुद्ध घी का दीपक जलाएं।धूपबत्ती लगाएं।पीले आसन पर बैठकर गुरु मंत्र का जप करें।
मंत्र-
जीवश्चाङ्गिर-गोत्रतोत्तरमुखोदीर्घोत्तरासंस्थित:
पीतोश्वत्थ-समिद्ध-सिन्धुजनिश्चापोथमीनाधिप:।
सूर्येन्दु-क्षितिज-प्रियोबुध-सितौशत्रूसमाश्चापरे
सप्ताङ्कद्विभव: शुभ: सुरुगुरु: कुर्यात्सदामङ्गलम्।।
मंत्र जप की संख्या कम से कम 108 होनी चाहिए।मंत्र जप के बाद देव गुरु की आरती करें।गुरु ग्रह सेसं बंधित पीली चीजें जैसे पीली दाल, कपड़े, गुड़, सोना आदि का यथा शक्ति दान करें।हर गुरुवार को सविधि से गुरुग्रह की पूजा करनी चाहिए।